क्रिकेट की दुनिया के होनहार खिलाड़ी शिखर धवन इन दिनों काफी परेशान चल रहे है। दरअसल शिखर और उनकी पत्नी के बीच तलाक को लेकर काफी चर्चाएं तेजी से बढ़ रही है।
और अब इसी बीच दिल्ली के एक फैमिली कोर्ट ने दोनो के तलाक़ को मंजूरी भी दे दी है।
कोर्ट ने इस बात को मान लिया है, की शिखर की पत्नी आयशा ने शिखर के साथ मानसिक क्रूरता की है।
वही कोर्ट ने शिखर के लगाए गए आरोपों को इसलिए भी मंजूरी दी है, क्योंकी आयशा इन सभी आरोपों का या तो विरोध नही कर पाई, या फिर वे खुद को बचाव करने में असफल रही।
बता दे, की शिखर धवन आयशा से उम्र में 10 छोटे है।
कोर्ट के जज ने ये भी माना की आयशा ने शिखर को उनके बेटे से एक साल तक दूर रखा, और उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया। हालाकि अभी तक कोर्ट ने शिखर के बेटे की स्थाई कस्टडी पर कोई फैसला नहीं सुनाया।
शिखर धवन अपने बेटे के साथ भारत और ऑस्ट्रेलिया में समय बिता सकते है, और उनसे वीडियो कॉल के जरिए बात भी कर सकते है।
कोर्ट ने कहा, की याचिकाकर्ता फेमस इंटरनैशनल खिलाड़ी देश के लिए गौरव है।
अगर शिखर भारत सरकार से मदद की अपेक्षा करते है, तो ऑस्ट्रेलिया सरकार से बेटे की कस्टडी या मुलाकात के अधिकार पर उनकी मदद की कोशिश जरूर की जानी चाहिए।
शिखर धवन के याचिका के अनुसार आयशा ने पहले उनके साथ भारत आकर रहने की बात कही थी। लेकिन बाद में आयशा अपने पहले पति से कमेटमेंट करते हुए अपने इस बात से मुकर गई।
बताना चाहेंगे, की आयशा को उनके पहले पति से दो बेटियां है, और उन्होंने अपने पहले पति से ये वादा किया था ,की से अपनी दोनो बेटियों के साथ ऑस्ट्रेलिया में रहेगी। और इस बात को भी कोर्ट ने शिखर के लिए मानसिक तनाव बताया।
इतना ही बल्कि आयशा के ऊपर कोर्ट ने शिखर धवन के खिलाफ बीसीसीआई के सदस्यों और साथी खिलाड़ियों अपमानजनक मैसेज भेजने का आरोप भी सही करार पाया।
इसके बाद आयशा ने दावा किया था, की उन्होंने सिर्फ 3 लोगो को इस तरह के मैसेज भेजे थे, लेकिन कोर्ट ने उनकी इस बात को खारिज कर दिया।
इसके अलावा कोर्ट ने शिखर की इस बात को भी सच साबित किया की कोविड के दौरान जब शिखर अपने पिता के साथ रहना चाहते थे तब भी आयशा ने उनके साथ काफी झगड़ा किया था।
आयशा के खिलाफ ये बात भी साबित हुई, की जब वे अपने बेटे को लेकर भारत आई तब उन्होंने शिखर को अपनी बेटियों को महीने का खर्च भेजने के लिए भी परेशान किया था।
यहां तक की उनकी स्कूल की फीस भी शिखर धवन को ही देनी पड़ेगी। जिसके चलते शिखर ने काफी समय तक करीब 10 लाख रुपए हर महीने उन्हे भेजे।
इसके अलावा कोर्ट ने इस बात को भी सच पाया, की आयशा ने जबरदस्ती दवाब बनाकर शिखर की 3 संपत्तियों में से 99% हक हासिल कर लिया और दो संपातियो में ज्वाइंट ऑनर बन गई।
वही अगर आयशा के बारे में बात की जाए तो ऑस्ट्रेलिया नागरिक आयशा का जन्म हिन्दुस्तान में हुआ है, उनके पिता एक भारतीय और मां ब्रिटिश मूल की है।
शिखर से 10 साल बड़ी आयशा एक किक बॉक्सर है, और नेशनल और इंटरनेशनल इवेंट्स में हिस्सा ले चुकी है।
आयशा की पहली शादी एक ऑस्ट्रेलियाई बिजनेसमैन से हुई थी, जिसके बाद आयशा की दो बेटियां आलिया और रिया हुई।
वही बाद में साल 2012 में आयशा ने शिखर धवन से शादी की। और दोनो के बेटे का नाम जोरावर है।
शिखर ने आयशा को पहली बार फेसबुक पर देखा था, और यही से दोनो के प्यार की शुरुवात हुई, दोनो के प्यार के बीच के मेडियेटर हरभजन सिंह थे।
शिखर धवन के घर वाले आयशा से शादी के खिलाफ थे। वे नहीं चाहते थे कि तलाकशुदा और 10 साल बड़ी औरत जिसकी दो बेटियां हों, उससे वह शादी करें।
हालांकि बाद में परिवार ने इस रिश्ते को मंजूरी दे दी। 2012 में सिख परंपरा से शादी हुई। शिखर की बारात में विराट कोहली समेत कई क्रिकेटर्स शामिल हुए थे।
दो साल पहले साल 2021 में भारतीय टीम के ओपनर शिखर और आयशा शादी के 9 साल बाद अलग हो गए थे।
आयशा ने सोशल मीडिया पर अपने और शिखर के तलक की बात भी लिखी थी।
आयशा ने कहा था, की मैं तलाक को तब तक गंदा शब्द समझती थी, जब तक मैं दूसरी बार तलाकशुदा नहीं हो गई।
आयशा ने आगे लिखा था, की ये कितनी मजाकिया बात लगती है, की शब्दों में इतने गहरे अर्थ होते है। मैने तलाकशुदा होने के बाद पहली बार इस बात को महसूस किया।
जब पहली बार मेरा तलाक हुआ तब मैं बहुत डरी हुई थी, मुझे लगता था, की जैसे मैं फेल हो गई थी, और जीवन में बहुत कुछ गलत कर रही थी।
आगे उन्होंने लिखा, की मुझे लगा था की मैने सबका भरोसा तोड़ दिया और स्वार्थी हो गई हूं।
मुझे लगा था, की मैने अपने पेरेंट्स अपने बच्चों को शायद भगवान को भी निराश किया है, तलाक तब मेरे लिए एक गंदा शब्द था।
तो अब सोचकर देखिए मुझे दूसरी बार तलाक से गुजरना पड़ रहा है, ये और भी डरावना है। एक बार पहली ही तलाकशुदा होने की वजह से मुझे लगा की दूसरी शादी में पहली बार से ज्यादा चीजे दांव पर लगी है, मुझे खुद को पिछली बार से ज्यादा साबित करना पड़ेगा।
इसलिए जब मेरी दूसरी शादी भी टूटी तब चीजे बहुत डरावनी थी। अपने पहले तलाक में जब मैने जो भी महसूस किया था, वह एक बार फिर से बाढ़ की तरह वापिस आ गया है।
नाकामी और निराशा पहली बार के मुताबिक काफी ज्यादा थी, मेरे दिमाग में ये सवाल चल रहा था, की इसका क्या मतलब था? ये मुझे और शादी के बंधन को किस तरह से परिभाषित कर रहा था।
लेकिन अब जब मैं जरूरी कार्यवाही और भावनाओ गुजर चुकी हूं तो मैने खुद को समय दिया। मैने देखा मैं ठीक थी, बल्कि और ज्यादा बेहतर अवस्था में थी। मैने ये भी नोटिस किया की मेरा डर अब खत्म हो चुका है।
और इन सब में सबसे अनोखी बात ये रही की अब मैं पहले से ज्यादा सशक्त महसूस कर रही हू।
मैने महसूस किया की मेरा डर और तलाक शब्द को गंदा अर्थ देना मेरे ही मन का किया धरा है, जब मुझे ये बात पूरी तरह से समझ में आ गई, तो मैने इस तलाक शब्द को नई परिभाषा और इसे अनुभव करना शुरू किया, जैसे मैं करना चाहती थी।
तलाक का मतलब है, खुद को चुनना और शादी के लिए अपने जीवन को कुर्बान न करना।
तलाक का मतलब है, की कई बार आपकी सारी कोशिशों के बावजूद रिश्ते नही चल पाते है, और ये परेशान होने वाली बात नही है।
तलाक का मतलब है, की मैं कुछ बेहतरीन लोगो के साथ जुड़ी थी, जिन्होंने मुझे बहुत बड़ी बड़ी चीजे सिखाई है, और ये चीजें मुझे नए रिश्तों के काम आयेगी।
तलाक का मतलब है, की मैं खुद को जितना मजबूत और जिंदादिल समझती थी, अब मैं उससे ज्यादा हूं।
तलाक का असली मतलब वही है, जो आप उसे समझना चाहते है।