भारतीय क्रिकेट इतिहास में बहुत सारे क्रिकेटर रहे है जो क्रिकेट के बाद राजनीति में अपना हाथ आजमाया है। सफल खिलाड़ियों में बहुत कम ही सफल राजनेता बन पाए मगर पश्चिम बंगाल से तालुक रखने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी को अपने पहले ही इलेक्शन में अपने राज्य का मंत्री बना दिया गया ।
मनोज तिवारी यूं तो भारतीय क्रिकेट टीम के लिए बहुत कम मुकाबले में खेलते हुए नजर आए थे उनके टीम से बाहर करने के ऊपर आज भी बहुत ज्यादा बहस होता है क्यों कि उन्होंने अपने करियर के आखिरी मुकाबले में शतक जड़ा था और उसके बाद उन्हें कभी मौका नहीं मिला।
वो पिछले साल हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी के सीट से लड़कर जीत हासिल किया था और खेल मंत्री का पद ग्रहण किया था ।
आज इस पोस्ट में हम आपको पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री मनोज तिवारी के लाइफस्टाइल और परिवार के बारे में बताने वाले है । भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी मनोज तिवारी का जन्म साल 1985 में हावड़ा में हुआ था ।
बचपन से ही उनको क्रिकेटर बनने का शौक था और इस सपना को पूरा करने के लिए उनके परिवार वालो ने उनका बहुत मदद किया जिसके कारण वो हमेशा अपने सफलता का सारा श्रेय अपने परिवार को देते है ।
भारतीय क्रिकेटर को बंगाल के टीम के तरफ से साल 2006 के दौरान रणजी टीम का हिस्सा बनाया गया और उन्होंने पहले ही सीजन में 99 के औसत से रन बनाकर सभी को प्रभावित कर दिया और उन्हें उसी साल हुए बांग्लादेश के साथ सीरीज के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया ।
उन्होंने साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना डेब्यू मैच खेला था और अपना अंतिम मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ 2015 में खेला था ।
भारतीय टीम के खिलाड़ी मनोज तिवारी के पर्सनल लाइफ की बात करे तो मनोज तिवारी ने अपनी गर्लफ्रेंड मनोज तिवारी से साल 2013 में शादी की थी ।
मनोज तिवारी भले ही अभी भारतीय टीम का हिस्सा नहीं है मगर अभी भी वो अपने राज्य पश्चिम बंगाल के लिए डोमेस्टिक क्रिकेट में खेलते हुए नजर आते है ।