करुण नायर भारत औए कर्णाटक टीम के एक स्टार मिडल आर्डर दाएं हाथ के बल्लेबाज है जो कभी-कभी दाएं हाथ की स्पिन गेंदबाज़ी भी किया करते हैं।
उन्होंने अपने इए छोटे से कैरियर में काफी ऑयर कीर्तिमानस्थापित किए है जहां इसी कारण वो एक काफी ज्यादा लोकप्रिय खिलाड़ी है।
उनके जीवन के बारे में बात की जाये तो उनका जन्म राजस्थान के जोधपर में 6 दिसंबर 1991 को एक काफी समृद्ध परिवार में हुआ जहां वो अभी 31 साल के है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि उनके माता-पिता केरल से तालुकात रखते है जहां उनके पिता जी का नाम कलाधरण नायर है वही उनकी माँ का नाम प्रेरणा नायर है।
उनके पिताजी एक मेकैनिकल इंजीनियर है जहां का वक़्त वो जोधपर में पोस्टेड थे वही उज़के बाद वो बंगलोर शिफ्ट हो गए। उनकी माँ एक स्कूल टीचर है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि करुण बताड़ का जन्म समय से पहले हो गया था जहां इसी कारण उन्हें डॉक्टर ने खेलने कूदने की सलाह दी थी ताकि उनका कमजोर फेफड़ा ठीक हो पाए।
करुण नायर ने अपना रणजी टॉफी में डेब्यू 2013-14 के सीजन में किया जहां उन्होंने उस सीजन के अंतिम चरण में कुल 3 लगातार शतक जडे थे।
उनके प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें जल्द ही भारतीय टीम में मौका मिल गया था जहां उनके प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें 11 जून 2016 को जिम्बाब्वे के खिलाफ उनके दौरे पर डेब्यू करने का मौका मिला।
26 नवंबर 2016 में उन्होंने इसके बाद भारत के लिए टेस्ट में डेब्यू किया जहां दूसरे ही मुकबले में उन्होंने इतिहास रच दिया जाना उन्होने तेहरा शतक जड़ा।
व्व।तेहरा शतक जड़ने वाले भारत के मात्र दूसरे ही ख़िलाड़ी बने जहां इस से पहले माते वीरेंद्र सहवाग ने ये कारनामा किया है।
उन्होजे इस मुकाबले में नाबाद 303 रन की पारी खेली थी जहां भारत को एक पारी और 75 रन की जीय मिली जिसके बाद करुण नायर को मैन ऑफ द मैच का ख़िताब मिला।
हालांकि सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि करुण नायर को अगले मुकाबले में ड्राप कर दिया गया जहां जिस चोटिल ख़िलाड़ी के जगह उन्हें मौका मिला था वो चोट से उभर चुके थे।
इसके बाद उन्हें अभी तक भारत के लिए मौका नही मिला है जहां वो सिर्फ 3 ही टेस्ट मुकाबला खेल पाए है औए इस करणम बीसीसीआई की काफी आलोचना भी होती है।