कैंसर की बिमारी सबसे ख़तरनाक बिमारी हैं और कैंसर की बिमारी काफी जानलेवा होती हैं जिसमें इंसान का बचना काफी मुश्किल होता हैं. अगर कैंसर की बिमारी का पता आपको पहले स्टेज में पता चले तो आप अच्छी तरह से ठिक हो सकते हैं.
युवराज सिंह ने कैंसर की बिमारी को कैसे हराकर फिर से क्रिकेट के मैदान पर वापसी की ये सभी के सामने एक बड़ा उदाहरण मौजूद हैं. साल 2011 का विश्वकप भारत को जीताकर युवराज सिंह ने कैंसर से जंग लड़ी और उसको हराकर फिर से मैदान में शानदार तरीके से वापसी की और एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया.
अब युवराज सिंह से प्रेरणा लेकर 16 वर्षीय कमल कनीयाल ने क्रिकेट में पदार्पण किया हैं. आपको बता दें कि कमल कनीयाल 16 साल के हैं जिन्होंने रणजी ट्रॉफी में उत्तराखंड के लिए पदार्पण किया और पहले ही मैच में महाराष्ट्र के खिलाफ शतक लगाया और एक मिसाल पेश की हैं.
आपको बता दें कि कमल कनीयाल को जब वे 14 साल के थे तब ब्लड कैंसर हुआ था जिसके बाद उन्होंने क्रिकेट खेलना छोड़ दिया था, लेकिन इसपर इलाज़ करने के बाद कमल कनीयाल ने कैंसर को मात देकर क्रिकेट के मैदान पर शानदार तरीके से वापसी की है और सिर्फ 16 साल की उम्र में पहले ही रणजी ट्रॉफी मैच में शतक लगाया हैं.
कमल कनीयाल ने कहा कि,” मुझे जब ब्लड कैंसर हुआ तब मेरे माता-पिता ने मुझे इस बारें में नहीं बताया था, लेकिन बाद में जब मुझे इस बारे में पता चला तब मैंने सिर्फ युवराज सिंह को प्रेरणास्रोत बनाया और कैंसर को हराकर क्रिकेट के मैदान में वापसी की. आज मैं बहुत खुश हूं कि मैं फिर से क्रिकेट खेल पा रहा हूं.”