प्रिया पूनिया ऐसे तो आप सभी क्रिकेट फैंस ने ये नाम बहुत कम ही बार सुना होगा मगर उनकी कहानी सुनकर आप भी उनके दीवाने हो जायेंगे । प्रिया पूनिया को भारतीय टीम के लिए खेले हुए आखिरी मैच 2 साल से भी अधिक हो गए है ।
4 मार्च से शुरू होने वाले वूमेंस आईपीएल में प्रिया पुनिया ने भी अपना नाम दाखिल किया था मगर उन्हे किसी भी टीम ने नही खरीदा और वो पिछले कई दिनों से क्रिकेट के मैदान से बाहर है । आज हम आप सभी को प्रिया पुनिया के स्ट्रगल के बारे में बताने वाले है जो आप सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत साबित होगी।
इस पोस्ट में हम ऐसे खिलाड़ी के कहानी देखने जाने वाले है जिन्होंने कभी अपने जीवन में हार नही माना। बता दे प्रिया पुनिया का जन्म राजस्थान जयपुर के एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था । उनके पिता हेड क्लर्क के रूप में इंडियन सर्वे डिपेटमेंट में काम किया करते थे वहीं उनकी माता जी एक हाउसवाइफ थी ।
प्रिया की घर की स्थिति उतनी अच्छी भी नही थी मगर उनके पिता जी ने एक क्रिकेट प्रेमी होने के कारण अपनी बेटी को भी क्रिकेटर बनने की ठान ली थी।
बता दे जब उनके पिता का दिल्ली से फिर एक बार जयपुर ट्रांसफर हुआ तब फिर एक बार प्रिया पुनिया के ऊपर संकट माड़राणा लगे , उन्हे क्रिकेट एकेडमी में सब लड़की क्रिकेट खेलेगी ऐसे करके चिड़ने लगे तब प्रिया के पिता ने अपने सभी प्रॉपर्टी बेचकर अपनी बेटी के लिए एक प्रैक्टिस पिच अलग से बनवाया था ।
बता दे प्रिया पुनिया के लगातार संघर्ष के पल जल्द ही उन्हें मिल गया और उन्हे भारतीय टीम का बुलावा आ गया मगर वो अपने पहले टी20 सीरीज में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए फिर एक बार उन्हें वनडे के लिए बुलाया गया जहां उन्होंने डेब्यू मैच में ही सभी को प्रभावित कर दिया ।
जब मां के मौत के एक दिन बाद ही भारत के लिए खेलने चल गई थी प्रिया प्रिया पुनिया का चयन कुछ साल पहले इंग्लैंड के दौरे के लिए हुआ था लेकिन उनका भाग्य बहुत खराब था जिसके कारण दौरा के लिए रवाना होने से ठीक एक दिन पहले उनकी मां का मौत हो गया जो उनके लिया काफी दुख की बात थी ।
मगर ऐसे परस्थिति में भी वो हार नही मानी और दूसरे दिन दौरे में जाने के लिए वो एयरपोर्ट पहुंच गई । बता दे प्रिया पुनिया के इस कहानी बहुत ही प्रेरणादायक है ।
इस बारे में उन्होंने एक बार बताया था कि उनकी मां हमेशा चाहते थी कि वो हमेशा अपने खेल पर ध्यान दे चाहे उसके सामने कोई बड़ी समस्या भी क्यों ना हो । इसके अलावा उन्होंने कहा मेरे लिए उस समय अपने आप को मजबूती से खड़े रहने का समय था।